रायबरेली पुलिस

रायबरेली पुलिस का बाल श्रम के खिलाफ बड़ा एक्शन: 3 बच्चे रेस्क्यू, प्रतिष्ठानों पर कानूनी कार्रवाई

ARYA

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दिशा-निर्देशों पर, रायबरेली पुलिस और श्रम विभाग की संयुक्त टीम ने थाना ए0एच0टी0 क्षेत्र अंतर्गत बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य जिले में चल रहे बाल श्रम के मामलों को रोकना और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना था।

अभियान का संचालन कैसे हुआ?

पुलिस अधीक्षक रायबरेली के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक व नोडल अधिकारी के पर्यवेक्षण में यह विशेष अभियान 08 मई 2025 को चलाया गया।
इसमें थाना ए0एच0टी0 प्रभारी श्रीमती पूनम देवी, उपनिरीक्षक राशिद खान, हेड कांस्टेबल शिशुपाल सिंह, श्रम विभाग की टीम सहित कई अधिकारी शामिल हुए।

रेस्क्यू हुए बाल श्रमिक

अभियान के दौरान दो प्रतिष्ठानों पर छापा मारा गया, जहां से तीन नाबालिग बच्चों को काम करते हुए पाया गया। उन्हें तत्काल मुक्त कराते हुए बाल कल्याण विभाग की देखरेख में भेजा गया। वहीं, प्रतिष्ठान संचालकों के खिलाफ श्रम विभाग द्वारा विधिक कार्रवाई की जा रही है।

रायबरेली पुलिस द्वारा लोगों को किया गया जागरूक

इस मुहिम के दौरान टीम द्वारा स्थानीय लोगों और व्यापारियों को बाल श्रम से जुड़े कानूनों की जानकारी दी गई और बताया गया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम कराना गैरकानूनी है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।

अभियान का असर

  • कुल 03 नाबालिग रेस्क्यू किए गए
  • बंधुआ मजदूरी का कोई मामला नहीं पाया गया
  • स्थानीय नागरिकों को जागरूक किया गया
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क्यों ज़रूरी है ऐसे अभियान?

भारत में बाल अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून और आयोग कार्यरत हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इनका पालन करवाने के लिए ऐसे अभियान बेहद ज़रूरी हैं। बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन देना हम सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है।

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