रायबरेली: प्रेम की मिसाल पेश करते हुए रायबरेली के साकेतनगर में मुस्लिम युवती फलकनाज़ ने हिंदू युवक कुशाग्र से वैदिक रीति-रिवाजों के साथ शादी कर ली। नवरात्रि के पावन अवसर पर हुई इस अनोखी शादी ने समाज में नई चर्चा छेड़ दी है। विवाह के बाद युवती ने अपना नाम बदलकर ‘पलक बाजपेयी’ रख लिया।
शिकायत से शुरू हुई कहानी, शादी पर खत्म
घटना की शुरुआत तब हुई जब युवती के परिजनों ने कुशाग्र पर फलकनाज़ को भगाने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों को तलाशकर थाने लाया। वहां फलकनाज़ ने साफ कहा कि वह अपनी मर्जी से कुशाग्र के साथ रहना चाहती है।
इसके बाद पुलिस और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पदाधिकारियों की मौजूदगी में दोनों के रिश्ते को सामाजिक मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू की गई।
मंदिर में मंत्रोच्चार के बीच विवाह
दोनों का विवाह स्थानीय मंदिर में वैदिक मंत्रों और हिंदू रीति-रिवाजों के साथ संपन्न कराया गया। लड़के पक्ष से बड़ी संख्या में रिश्तेदार और समर्थक मौजूद रहे और नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया।
विवाह संपन्न कराने वाले पंडित शास्त्री दुर्गा शंकर त्रिपाठी ने इसे “मांगलिक और सनातन धर्म के उत्थान का प्रतीक” बताया।
‘पलक बाजपेयी’ — नई पहचान, नई शुरुआत
शादी के बाद फलकनाज़ ने अपना नाम बदलकर ‘पलक बाजपेयी’ रख लिया। उनका कहना है कि यह नाम उनकी नई जिंदगी और अपने प्रेम के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
यह विवाह यह संदेश देता है कि सच्चा प्रेम धर्म और समाज की दीवारों को पार कर सकता है, बशर्ते उसमें दृढ़ता और आपसी सम्मान हो।